Saathi Har Pal Ka
MITRAZ
आसुओ की बारीशो मैं तू मूज़े है मिला ए खुदा
आरजू ये आखरी के तेरा साथ दिल चाहता
आखरी सवाल यही है क्या मेरा ये प्यार सही है
बनके आसमा का सितारा तू मुझमे क्यू आफ़री है
साथी हर पल का पूरे सफ़र का इस ज़िंदगी पे जो तेरा रहम था
तू रोशनी है तू है सवेरा
तेरे बिना मेरा घर ना बसेरा
साथी हर पल का पूरे सफ़र का
इस ज़िंदगी पे जो तेरा रहम था
तू रोशनी है तू है सवेरा
तेरे बिना मेरा घर ना बसेरा
लम्हा लम्हा कैसे तेरा मेरी ज़िंदगी मैं सागर की वो जो सपना
जो दिल समझ ना पाया
उनको हाथो से तूने सारी दुनिया दी बना
आखरी सवाल यही है क्या मेरा ये प्यार सही है
बनके आसमा का सितारा तू मुझमे क्यू आफ़री है
साथी हर पल का पूरे सफ़र का
इस ज़िंदगी पे जो तेरा रहम था
तू रोशनी है तू है सवेरा
तेरे बिना मेरा घर ना बसेरा
साथी हर पल का पूरे सफ़र का
इस ज़िंदगी पे को तेरा रहम था
तू रोशनी है तू है सवेरा
तेरे बिना मेरा घर ना बसेरा